सनातन धर्म मे गौ माता का महत्व (importance of cow in sanatan dharma) –
हर समाज में हर राष्ट्र में हर क्षेत्र में माता का दर्जा बहुत ऊंचा होता है। गौ माता वैदिक शास्त्रों में 7 माताओं मैं से से एक माता बताइए गई हैं। जन्म देने वाली माता हमारा पोषण करती है लेकिन साथ ही साथ गौमाता का भी हमारे जीवन मे विशेष महत्व है। 7 प्रकार की माताओं मे गौ माता भी हमारी एक माता है। क्योंकि वह जीवन भर हमारा पोषण करती है। गौ माता के शरीर में 33 कोटी देवी देवताओ का वास होता है। गौमाता बहुत दयालु होती है इसलिए कोई गौमाता को दुखी नहीं देख सकता।(गौ माता की कथा )
जब पृथ्वी देवी के ऊपर असुरों का आतंक हो गया तब ब्रह्माजी के समक्ष अपना दुख बताने के लिए वह गौ माता का रूप लेकर गई थी। क्योंकि उनको मालूम था कि ब्रह्मा जी माता को दुखी नहीं देख सकते। भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम जब इस धरती पर आए थे तब उन्होंने भी उनकी लीलाओं से गौ माता के लिए विशेष प्रेम दर्शाया था। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण जब गौमाता को चराने के लिए ले जाते थे। तब वो गौमाता की विशेष देखभाल करते थे। जैसे हम हमारी जन्म देने वाली माता की सेवा करते है वैसे ही हमे गौमाता की भी सेवा करनी चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण के कई नाम है। उनमे से गोपाल और गोविंद जैसे नाम दर्शाते है की श्रीकृष्ण गौमाता से कितना अधिक प्रेम करते थे।(गौमाता का महत्व)
गौ माता का हमारे सनातन धर्म में बहुत बड़ा महत्व है(importance of cow in hindI)। कई देवी-देवताओं एवं भगवान की पूजा में पाई जाने वाली सामग्रियों में गौ माता से जुड़ी हुई चीजें हमेशा पाई जाती हैं। जैसे कि किसी भी पूजन में अग्नि जलाने हेतु एवं दीपक जलाने हेतु गौ माता के दूध से निर्मित घी का उपयोग किया जाता है। एवं किसी भी पूजन,यज्ञ आदि से पहले उस जगह को गौ माता के शुद्ध गोबर से लीपा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गोबर में साक्षात माता लक्ष्मी का वास होता है। कई लोग सनातन धर्म की इन परंपराओको अंधश्रद्धा मानते है। पर आज हमने यहापर इससे जुडे वैज्ञानिक तथ्य भी सामने लाए है। हमारे धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति गौ माता की सेवा करता है तो उससे संपूर्ण देवी देवता तृप्त हो जाते हैं।(गौ माता की कथा )

गौ माता का वैज्ञानिक महत्व (scientific significance of cow in hindi) –
हमारे धार्मिक कार्यों के अलावा हमारे आधुनिक विज्ञान में भी यह पाया गया है,कि गोमूत्र से कई सारी बीमारियों का इलाज होता है एवं गाय के गोबर से खेती से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है। एवं गोमूत्र से नहाने के अनेक फायदे हैं। जिस गौमाता से के शरीर से त्यागी हुई चीजों का इतना महत्व एवं इतने फायदे हैं,इससे आप गौ माता की महिमा का अंदाज लगा सकते हैं।(गौमाता का वैज्ञानिक महत्व)
गौमाता के थनों के अंदर 18 प्रकार के Minerals Compound पाए जाते है। गौमाता के शरीर मे उपस्थित 18 प्रकार के रस गौमाता के शरीर के अलग अलग स्थानों से आते है। इन 18 प्रकार के रसों को मिलाकर ही गाय का दूध बनता है। यह 18 प्रकार के रस मनुष्य शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते है।(गौ माता की कथा )
सनातन धर्म मे बताया गया है की जिसप्रकार पहाडी क्षेत्र बादलों को अपनी और खींचता है और फिर पहाडों के उपर वर्षा होती है।वैसेही गौमाता के दो सींघो के बीच का भाग बादलों को आकर्षित करता है।आप देख सकते है की जिस प्रदेश या क्षेत्र मे गौमाता की संख्या अधिक है वहा वर्षा भी अधिक होती है।(SCIENCE BEHIND COW)
इस सृष्टि मे सबसे महंगी चीज है प्राणवायु,उसके बिना हम 2 मिनट भी जिवित नही रह सकते।गौमाता के गोबर मे 60% ऑक्सिजन यानिकि प्राणवायु होता है। प्राचीन समय के लोग अपने घरों में गाय के गोबर से लिपाई करते थे। क्योंकि उनको भी पता था की गाय के शरीर से प्राप्त हर एक चीज बहुत आवश्यक और उपयोगी है। प्राचीन समय मे लोग गौ माता का दूध पीते थे,इसलिये उस समय के लोग अधिक बुद्धिमान थे|(गौ माता का महत्व)
IIT BOMBAY से ORGANIC CHEMISTRY में PHD किए हुए डाॅ.राकेश अग्रवाल जी ने गोमूत्र के उपर अनुसंधान किया तब उन्हें नीचे दिए गई बाते पता चली।
1.गोमूत्र मे छह ऐसे तत्व पाये गए जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते है।
2.कॅल्शियम (Calcium),आयरन (Iron),झिंक (Zinc),पोटॅशियम (Potassium),मॅग्नेशियम (Magnesium),सोडिअम (Sodium)
3.गोमूत्र मे UROKINASE नाम का एक ENZYME पाया गया जो की खून को पतला करता है।
4.गोमूत्र में कोरोना वाईरस को जड से मिटाने वाले गुण मिलें। Corona Virus से पीडित कई लोगों ने गोमूत्र का उपयोग किया और उनको साधारण औषधीयों से कई अधिक उत्तम नतीजा मिला।
5.खांसी,मुंह मे छाले पडना,कब्ज,पेट मे गैस धरना इन सब के उपर गोमूत्र एक रामबाण औषधी है।
6.गोमूत्र पीने से कोरोना वाईरस के मरीजों की ऑक्सिजन लेवल बढ गई।
भगवान श्री कृष्ण के द्वारा गौ माता से स्नेह एवं उनका प्रेम (krishna with cow)-
बचपन मे भगवान श्रीकृष्ण नंगे पैर ही ब्रज में रहा करते थे। जब माता यशोदा उनसे पूछा करती थी की लाला तू अपने पैरों में कुछ धारण क्यों नही करता। तब भगवान कृष्ण बड़े सुंदरता से गौ माता के प्रति प्रेम दर्शाते हुए कहते थे कि,जब ब्रज की गायों ने कुछ धारण नहीं किया तो मैं कैसे धारण कर सकता हूं। एवं वह पूरे ब्रज में नंगे पैर ही घूमा करते थे। वैसे तो वह भगवान है एवं उनके चरणों को हमारी धरती माता कैसे कष्ट दे सकती हैं। उनके चरणों को भी कुछ नहीं हो सकता परंतु वह यह लीला गौमाता के प्रति अपना स्नेह भाव एवं प्रेम बहुत दर्शाने के लिए करते थे। भगवान कृष्ण 84 लाख योनियों में से इतने सारे प्राणीयों को छोड़कर सिर्फ गौमाता के लिए ही इतना प्रेम और समर्पण इसलिए दिखा रहे थे क्योंकि गौमाता बडी महान है।(गौ माता की कथा)(panchagavya chikitsa) (cow krishna)krishna images with cow
गौमाता के दूध के फायदे (benefits of cow milk in hindi) –
सनातन धर्म के शास्त्रों मे गौ माता के दूध को अमृत का दर्जा दिया गया है। गौ माता का दूध अमृत से कम नही है।
1.गौ माता के दूध से हमे शारिरिक बल प्राप्त होता है।
2.गौ माता का दूध पीने से हमारी मानसिक स्थिती में सुधार आता है।
3.गौ माता का दूध पीने से हमारी बुद्धिमत्ता बढती जाती है।
4.गौ माता का दूध सात्त्विक होता है,ऐसे सात्त्विक दूध को पीने से हमारा स्वभाव भी सात्त्विक बनता जाता है।
5.सात्त्विकता की वजह से हमारे अंदर दैवी गुण उत्पन्न होते है। जिससे हम एक सद्गुणी व्यक्ति बन सकते है।
गौ माता के दान का महत्व –
हमारे सनातन धर्म में दान का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। दान देने से कई सारे पापों का नाश हो जाता है। एवं बड़े-बड़े पुण्य की प्राप्ति होती है। हमें हमारे शास्त्र सिखाते हैं कि हमें हमारे जीवन काल में रोज कुछ ना कुछ दान करना चाहिए। एक तो दान हो और ऊपर से गोदान फिर सर्वश्रेष्ठ क्या हो सकता है। गोदान सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है।(gAU mata pooja benefits)
आपने यह अवश्य देखा होगा कि किसी की मृत्यु के बाद 13 दिन के पश्चात उसके परिवार वाले गोदान अवश्य करते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि गरुड़ पुराण में जिसमें कि हमारे मृत्यु के पश्चात होने वाले चीजों को विस्तार से बताया गया है। उसमें यह भी बताया गया है कि यमलोक में जाने के पश्चात सबसे पहले हमें एक नदी पार करनी पड़ती है जो कि माता गंगा का रूद्र रूप रहती है। एवं यह नदी सिर्फ एक ही चीज से पार हो सकती है,यदि मृत व्यक्ति ने अपने जन्म में कभी गौमाता का दान किया हो या फिर उसकी मृत्यु के पश्चात उसके परिवार वाले गोदान करते हो तो। इसीलिए सनातन धर्म के लोग या तो जीते जी या तो उसके परिवार वाले मृत्यु के पश्चात उनके लिए गौ दान अवश्य करवाते हैं।(गौमाता के दान का महत्व)

गौ माता की कथा –
गौ माता का उत्पत्ति दिवस कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी को होता है। यह शुभ दिन गोपाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। गौमाता की उत्पत्ति की कथा ऋग्वेद और पद्मपुराण में दी गई है। जब भगवान से सूर्य,चंद्रमा,अग्नि वायु और देवी देवताओ की उत्पत्ति हुई थी। उसी समय गौमाता की भी उत्पत्ति हुई थी। यानिकि ऋग्वेद में साफ-साफ बताया गया है की गौमाता भी अन्य देवी देवताओं के समान है।(गौ माता श्लोक)(गौ माता की कहाणी)(गौमाता की सेवा)
- गौमाता पर संस्कृत श्लोक –
यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।
तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥
“जिसने समस्त चराचर जगत् को व्याप्त कर रखा है, उस भूत और भविष्य की जननी गौ माता को मैं मस्तक झुका कर प्रणाम करता हुं|
गौहत्या एक बडी समस्या –
आधुनिक काल मे हम देख रहे है की दिन-प्रतिदिन गौ माता की संख्या कम होती जा रही है। भारत जैसे पवित्र देश की इस भूमी पर गौ हत्या हो रही है। हम सबको मिलकर गौ हत्या रोकने के लिये कडे से कडे कदम उठाने चाहिए। रही है आईए जानते है गौमाता के लुप्त होने के कारण और गौ हत्या रोकने के उपाय।
गौमाता के लुप्त होने के कारण (disappearance of cow in hindi) –
1.गौ माता के देह का व्यापार
2.अधर्मीयों द्वारा बिना वजह होने वाली गौ हत्या
3.लोगोंका गोपालन छोडकर भैंस को पालना
4.सनातन धर्म के लोंगों द्वारा गौ माता की और अनदेखी करना
5.सनातन धर्म के लोगों द्वारा आधुनिकता की वजह से संस्कृति और संस्कारों को भूल जाना
गौमाता को बचाने के उपाय (measures to save cow in hindi) –
१.गोपालन केंद्र खोलना और उसमे गौ माता की देखभाल करना।
2.भैंस के दूध की जगह गौमाता के अमृतरूपी दूध का उपयोग करना।
3.गौहत्या पूर्ण रूप से बंद करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के उपर शक्ति प्रदर्शन करके उनपर हमारी एकता से दबाव डालना।
4.चुनाव में ऐसे लोगों को वोट देना जो सनातन संस्कृति पर विश्वास रखते हो और सनातन धर्म का पालन करते हो।
5.सभी लोगों को गौ माता के महत्व के बारे मे बताना।
6.विशेष रूप से सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को अपनी संस्कृति के महत्व के बारे में बताना।
7.गौहत्या करने वाले अधर्मीयों के लिए केंद्र और राज्य सरकार के पास कडी से कडी सजा की मांग करना।
8.SOCIAL MEDIA के माध्यम से गौमाता के महत्व और उनके हित संबंधी जानकारी को फैलाना।
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Great article very knowledgeful information is shared gau mata के बारे मे रोचक जानकारी thanks
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